20 Jul, 2025
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तुम्हारी मुस्कान का आगाज़

तुम्हारी मुस्कान का आगाज़ सुबह की हल्की धूप, खिलखिलाती हवा, और पंखे की हल्की सरसराहट में एक नई उम्मीद जाग उठी थी। आदित्य चाय लेकर बरामदे में बैठ गया। उसकी निगाहें दूर तक फैली राजमार्ग से टकराई जहाँ एक लड़की साइकिल पर आई—उसकी मुस्कान में कुछ बचपना, कुछ निश्छलता और बहुत सारी गर्माहट थी। उसे […]